Sahih Bukhari Hadees in Hindi | Bukhari Hadees in Hindi
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बाब 1: आदम और उसकी औलाद की पैदाईश।
हदीस न. [1399]: अबू हुरैरा रजि. से रिवायत है, वो नबी सलल्लल्लाहु अलैहि वसललम से बयान करते हैं कि आपने फरमाया कि अल्लाह ने जब आदम को पैदा फरमाया तो उसका कद साठ हाथ था। फिर अल्लाह ने उनसे फरमाया कि जाओ , फरिश्तों और उन फरिश्तों को सलाम करो। नीज सुनो वो तुम्हें क्या जवाब देते हैं? वही तुम्हारा और तुम्हारी औलाद का सलाम होगा। पस आदम अलैहि. ने कहा, “अस्सलामु अलैकुम” फरिश्तों ने जवाब दिया अस्सलामु अलैका वरहमतुल्ला। उन्होंने रहमतुल्लाह का इजाफा किया। खैर जो लोग जन्नत में दाखिल होंगे वो सब आदम की सूरत पर होंगे। अगरचे लोग इन्तदाये पैदाईश से अब तक जिस्म में कम हो रहे हैं।
फायदे: जन्नत में दाखिल होने के वक्त जन्नत वालों का हजरत आदम अलैहि. जैसा कद काठ, शक्लो सूरत और हुस्नो जमाल होगा। दुनिया में जो कद की पस्ती, रंग की स्याही और बदसूरती है, जाती रहेगी।
हदीस न. [1400]: अनस रजि. से रिवायत है, उन्होंने फरमाया कि अब्दुल्लाह बिन सलाम रजि. को यह खबर पहुंची कि रसूलुल्लाह सललल्लाहु अलैहि वसल्लम मदीना में तशरीफ लाये हैं। चूनांचे वो आपके पास आये और कहने लगे। में आपसे तीन बातें पूछना चाहता हूँ। जिनको नबी के अलावा कोई नहीं जानता। फिर उन्होंने पूछा कि कयामत की पहली निशानी क्या है? सब से पहली गिजा कौनसी है जो जन्नत वाले खायेंगे? बच्चा किस सबब से अपने ददिहाल और ननिहाल की तरह होता है? रसूलुल्लाह सललल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि यह बातें जिब्राईल अलैहि. ने अभी अभी बताई हैं। अनस रजि. कहते हैं कि अब्दुल्लाह बिन सलाम रजि. ने कहा, फरिश्तों में से जिब्राईल तो यहूदियों के दुश्मन हैं। फिर रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसलल््लम ने फरमाया कि कयामत की निशानियों में से पहली निशानी एक आग है जो लोगों को मशरिक से मगरिब की तरफ ले जायेगी और पहली गिजा जो जन्नत वाले खायेंगे वो मछली की कलेजी का जाईद टुकड़ा है और बच्चे की मुशाबहत का सबब यह है कि कहा जब मर्द औरत से हम बिस्तर होता है. तो अगर मर्द का पानी औरत के पानी पर गालिब आ जाता है तो बच्चा ददीहाल की तरह होता है और अगर औरत का पानी मर्द के पानी पर गालिब आ जाता है तो बच्चा ननिहाल की तरह होता है। इस पर अब्दुल्लाह बिन सलाम रजि, फौरन बोल पड़े कि मैं गवाही देता हूं कि आप अल्लाह के रसूल हैं। इसके बाद उन्होंने कहा, ऐ अल्लाह क॑ रसूल सलल््लल्लाहु अलैहि वसल्लम! यहूद बहुत इल्जाम लगाने वाले हैं। अगर उनको मेरे मुसलमाम होने की खबर हो गई तो उससे पहले कि आप उनसे मेरे बारे में कोई सवाल करें, वो आपके सामने मुझ पर कोई इल्जाम लगा देंगे। चूनांचे जब यहूदी आये तो अब्दुल्लाह बिन सलाम रजि. घर में छुप गये। फिर रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसलल््लम ने उनसे पूछा कि तुम लोगों में अब्दुल्लाह बिन सलाम रजि. केसे हैं? उन्होंने जवाब दिया कि वो हम सबसे बड़े आलिम और बड़े आलिम के बेटे हैं और हम सब से बेहतर और बेहतरीन बाप की औलाद हैं। आपने फरमाया, अगर वो मुसलमान हो जायें (तो फिर क्या होगा?) उन्होंने कहा, अल्लाह उन्हें मुसलमान होने से बचाये। यह सुनकर अब्दुल्लाह बिन सलाम रजि. उनके सामने आये और कहने लगे “अश्हदु अन्ना ला इलाह इल्लल्लाह व अशहदु अन्ना मुहम्मदन रसूलुल्लाह” फिर यहूद कहने लगे अब्दुल्लाह रजि. तो हम सब में बुरा और बदतरीन बाप का बेटा है और उन्हें बुरा भला कहना शुरू कर दिया।
फायदे: मुस्लिम की एक रिवायत से मालूम होता है कि रहमे मादर (बच्चेदानी) में पानी का पहले जाना मर्द और औरत का सबब है और इस हदीस से मालूम होता है कि रहमे मादिर में पानी का गालिब आना शकक््लो सूरत का सबब है। (औनुलबारी, 7/273)
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हदीस न. [1401]: अबू हुरैरा रजि. से ही रिवायत है वो नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसललम से बयान करते हैं कि आपने फरमाया, अगर बनी इस्राईल न होते तो कभी गोश्त खराब होकर न सड़ता और अगर हव्वा अलैहि. न होती तो कोई औरत अपने खाविन्द की ख्यानत न करती। |
फायदे: इसका मतलब यह नहीं है कि गोश्त में खराब होने की खासियत इस वाक्ये के बाद पैदा हुई, बल्कि खासियत तो पहले भी थी। लेकिन यह बनी इस्राईल की इस हरकत से जाहिर हुआ। क्योंकि उनसे पहले किसी ने भी गोश्त जमा न किया था। ख्यानत का मकसद यह है कि ऐसी बात का मश्वरा देना जो खाविन्द के लिए नुकसान देह हो। यह औरत की सरशत में दाखिल होने की वजह से हव्वा अलैहि. की तमाम बेटियों में मौजूद हैं।
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हदीस न. [1402]: अनस रजि. से रिवायत है, वो रसूलुल्लाह सललल्लाहु अलैहि वसललम से बयान करते हैं कि अल्लाह उस दोजखी से फरमायेगा जो सब जहन्नम वालों में हल्के अजाब वाला होगा। अगर तुझे दुनिया तमाम की चीजें मिल जायें तो क्या तू इस अजाब के ऐवज उन्हें फिदिया (कीमत) में देगा? वो कहेगा, हां! अल्लाह तआला फरमायेगा, मैंने उससे बहुत कम चीज तुझसे मांगी थी। जब तू बनी आदम की पीठ में था कि मेरे साथ किसी को शरीक न करना, लेकिन तू शिर्क से बाज न आया।
फायदे: आदम की पीठ में इससे जिस चीज का मुतालबा किया गया था, उसका जिक्र इस' आयते करीमा में है “और जब तुम्हारे रब ने बनी आदम की पीठों से उनकी नस्ल को निकाला और उन्हें खुद उनके ऊपर गवाह बनाते हुए पूछा, क्या मैं तुम्हारा रब नहीं हूँ? उन्होंने कहा जरूर आप ही हमारे रब हैं, हम इस पर गवाही देते हैं । (औनुलबारी 172)
हदीस न. [1403]: अब्दुल्लाह बिन मसओूद रजि. से रिवायत है, उन्होंने कहा रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसलल्लम ने फरमाया जो आदमी जुल्म से कत्ल किया जाता है, उसका कुछ वबाल (गुनाह) आदम अलैहि. के पहले बेटे पर जरूर होता है। क्योंकि वो पहला आदमी है, जिसने बेकार कत्ल करने की रस्म डाली।
फायदे: इसका जिक्र कुरआन मजीद (माइदा 27) में है।
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